BNSS 144 क्या है? | Section144 BNSS in Hindi में पूरी जानकारी

आज के इस लेख में हम जानेंगे “BNSS 144 kya hai” — यानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) की धारा 144 — क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, कौन-कौन इसके अंतर्गत आते हैं, और इस धारा का व्यवहारिक महत्व क्या है। हम इसे Step by step सरल भाषा में समझेंगे।


Overview Table: BNSS 144 क्या है

धाराBNSS 144
संबंधित कानूनभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita)
पूर्ववर्ती धाराCrPC 125
उद्देश्यपत्नी, बच्चों, और माता-पिता को भरण-पोषण (maintenance) प्रदान करना
किस पर लागू होता हैपति/पत्नी, नाबालिग बच्चे, विकलांग बालिग बच्चे, माता-पिता
कौन याचिका दाखिल कर सकता हैपत्नी, बच्चे, माता-पिता या मजिस्ट्रेट
आदेश देने का अधिकारीप्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (Judicial Magistrate First Class) .
अंतरिम सहायता (Interim Maintenance)सुनवाई पूरी होने से पहले अस्थायी रूप से देय
समय सीमाआदेश लगभग 60 दिनों में देने का प्रयास किया जाता है
यदि आदेश का पालन न होसंपत्ति जब्त, वारंट, 1 माह तक की जेल
सुधार की अनुमतिBNSS की धारा 146 के अंतर्गत संशोधन का प्रावधान
मुख्य उद्देश्यनिर्भर परिवारजनों को सामाजिक सुरक्षा देना

नयी प्रोसीजर: BNSS (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita)

BNSS, CrPC की जगह लेने वाली नई प्रक्रिया संहिता है।

  • Passed: Parliament ने दिसंबर 2023 में पास किया।
  • Effective: 1 जुलाई 2024 से लागू हुई
  • इसमें कुल 533 धाराएं हैं और यह आधुनिक, डिजिटल और नागरिक हितपरक हिंदी भाषा में बनी है।

धारा 144 BNSS – परिचय

Section 144 BNSS पुरानी CrPC की धारा 125 से मिलती-जुलती है, जिसका उद्देश्य था maintenance यानि भरण-पोषण सुनिश्चित करना। BNSS में इसे अब Clause 144 में रखा गया है।

  • यह आदेश देता है कि विशेष श्रेणी का मजिस्ट्रेट (Judicial Magistrate of the first class) ऐसी राशि का आदेश दे सकता है जो Maintenance के लिए देय हो: “If any person having sufficient means neglects or refuses to maintain his wife / children / parents
  • इसका English में मतलब है: एक ऐसे व्यक्ति जिसे आर्थिक सामर्थ्य है लेकिन वह अपनी पत्नी, बच्चे या माता-पिता को सालभर का भरण-पोषण देने में असफल रहता है, उससे मजिस्ट्रेट यह मासिक याचिका कर भरण-पोषण का आदेश ले सकता है।

Section 144 BNSS – मुख्य विशेषताएं

1. Scope – Maintenance का दायरा:

  • पत्नी (wife)
  • बच्चे (minor & disabled adult child)
  • माता-पिता (dependent father/mother)

2. Who can file the petition?

  • Maintenance के हकदार (claimant) जैसे कि wife, child या dependent parent सकते हैं।
  • मजिस्ट्रेट स्वयं भी interim maintenance दे सकता है भी सुनवाई जारी रहते समय।

3. Interim Maintenance – अस्थायी भरण-पोषण:

  • बात सुनवाई तक की होती है; Court सुनवाई के दौरान interim (अस्थायी) allowance दे सकता है।

4. Jurisdiction – अधिराज्य कहां से चले:

  • कोई भी जबर्जस्त मजिस्ट्रेट (First Class Magistrate) जो आरोपी या उसकी पत्नी के निवास स्थान शाखा क्षेत्र या उनके अंतिम निवास के स्थान में काम करता हो, उसी स्तर पर मामला दर्ज करता है।

5. Execution of Order – आदेश लागू कैसे होगा:

  • Maintenance आदेश का पालन ना होने पर वारंट जारी हो सकता है या संपत्ति जब्त की जा सकती है।
  • अगर संपत्ति जब्त भी नहीं होती, तब आरोपी को 1 महीने जेल की सज़ा भी मिलने का प्रावधान है।

6. Disqualification of Claim:

  • अगर dependent व्यक्ति ज़िम्मेदारी से नहीं रहता – जैसे adultery या बिना उचित कारण husband को छोड़ना – तो उसकी claim reject की जा सकती है।

Legal Background – CrPC 125 से BNSS 144 का बदलाव

पहलूCrPC धारा 125BNSS धारा 144
Maintenance forWife, children, parentsSame group
Magistrate decidesMagistrate’s discretionSame
Interim allowanceAllowedAllowed (within 60 days timelines)
Disqualificationmarital misconductSame
EnforcementWarrant + JailSame
LanguageEnglish-ish CrPCहिन्दी and simplification

Example – Practical Scenario

Case: अमन नामक युवक की पत्नी सीमा है, जो financially dependent है, अमन बेरोजगार है मगर साधन रखता है। उसने जरूरत के हिसाब से मासिक ₹5,000 मांगते हुए Mag. Court में Maintenance Apply किया।

  • Interim Application: Hearing में Mag. ने interim ₹3,000 तय किया Hearing तक, 60 दिनों में आदेश की समय सीमा
  • Final Order: Hearing पूरी हुई, evidence से साबित हुआ कि अमन के पास Bank Balance है, तो Magistate उसे ₹5,000 मासिक Maintenance दो。
  • अगर अमन आदेश नहीं माने तो Mag. संपत्ति जब्त कर सकता है और एक महीने तक की जेल की सजा भी हो सकती है।

क्या पति Maintenance मांग सकता है?

जी हां। BNSS dhara 144 gender-neutral है। पति, बच्चे या माता-पिता भी claim कर सकते हैं अगर उन्हें financial support की दरकार है और dependent हैं।
— पुरानी CrPC से यह concept विस्तार हुआ है।


Conclusion

BNSS Section 144 भारतीय कानून व्यवस्था का एक बहुत आवश्यक बदलाव है। यह कानून पुराने CrPC की 125 धारा से उपजा है लेकिन अब यह और भी अधिक समावेशी, नागरिक हित में और gender-neutral है।
— आवेदक की आर्थिक स्थिति, dependent की स्थति, और वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए Court interim और final onderhoud की राशि तय करती है।
— Enforcement Power (संपत्ति जब्ती, warrant, imprisonment) भी court को दी गयी है।


FAQs – BNSS Section 144

  1. BNSS 144 kya hai?
    एक legal provision है जो financial weak family members को maintenance पाने की सुविधा देता है।
  2. कौन लागू कर सकते हैं?
    Wife, minor/disabled children, dependent parents या Magistrate स्वयं।
  3. Maintenance कब तक मिलेगा?
    Hearing तक interim, फिर final order तक।
  4. Order ना माने तो?
    Warrant, संपत्ति जब्त, और 1 महीने तक की jail संभव है।
  5. क्या dependent व्यक्ति झूठा claim कर सकता है?
    गलत जानकारी देना Serious Offence होगा और case dismissed हो सकता है।
  6. एक मंच पर कितने मामले?
    अलग-अलग Dependent persons separate petitions file कर सकते हैं।
  7. Interim allowance कितने दिन में मिलेगा?
    लगभग 60 दिनों के भीतर decision दिया जाना चाहिए।
  8. Adultery grounds पे claim खारिज हो सकता है?
    हां, Court Dependent के conduct पर भी लगाम लगा सकता है।
  9. Progressive Rs वृद्धि हो सकती है?
    Yes, maintenance में बदलाव क्यों ज़रूरी हो सकता है? BNSS की धारा 146 उसकी modification का प्रावधान देती है।
  10. Refund of maintenance possible?
    अगर claimant independent बन जाता है, तब Court order को Cancel या Modify कर सकता है।

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Rahul

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